मंगलायतन विवि में हरे कृष्णा, हरे रामा धुन पर झूमे विद्यार्थी
अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय में कदम समूह व हरे कृष्णा भक्ति योग सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में आत्म-साक्षात्कार का विज्ञान विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान हरे कृष्णा, हरे रामा धुन पर विद्यार्थी खूब झूमे। वक्ताओं ने विद्यार्थियों को बताया कि यदि मनुष्य स्वयं को पहचान ले तो उसका जीवन सुख और शांति से भर जाएगा।
मुख्य वक्ता श्रीपाद राेहिणी नंदन दास ने कहा कि यह शरीर हर रोज बदल रहा है और एक दिन इसका हिलना भी बंद हो जाएगा। पशु और मनुष्य में सिर्फ धर्म का अंतर है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई यह धर्म नहीं है प्रेम ही धर्म है। प्रेम उस ईश्वर से करो जो आपको कभी छोड़ेगा नहीें। हमें स्वयं की पहचान करनी है। ईश्वर ने मनुष्य को बुद्धि दी है। इस बुद्धि से स्वयं को पहचानोगे तो सुख मिलेगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में समझाने का प्रयास किया है कि आध्यात्मिक चेतना को जागृत कर स्वयं को पहचाना जा सकता है। स्वयं की पहचान स्थापित होने के पश्चात आत्मा साक्षात्कार बहुत आसान है। वहीं आनंद कृष्ण शास्त्री ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए।
अध्यक्षीय संबोधन में कुलसचिव बिग्रे. समरवीर सिंह ने कहा कि हम पश्चिमी विचारधारा को बिना जाने अपना लेते हैं और भेड़ चाल में शामिल हो जाते हैं। जबकि हमारी आध्यात्मिक सोच बहुत प्रबल है जो हमें तनाव मुक्त भी करती है और प्रगति के मार्ग को भी प्रशस्त करती है। इस तरह के कार्यक्रम बौद्धिक विकास के लिए आवश्यक हैं। अतिथियों का विश्वविद्यालय परिवार की ओर से प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र दिए गए।आभार व्यक्त प्रो. सिद्धार्थ जैन ने किया। संयोजक डा. पूनम रानी, डा. सोनी सिंह, लव मित्तल रहे। इस अवसर पर प्रो. जयंतीलाल जैन, प्रो. सौरभ कुमार, प्रो. अंकुर अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत, मोहन माहेश्वरी, मनीषा उपाध्याय आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण भी हुआ।