बिकरू कांड में एसआईटी की रिपोर्ट में 80 अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाया गया था। मामले में जल्द ही कई और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। इससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में बिकरू कांड को लेकर विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के बाद तत्कालीन एसएसपी और वर्तमान में डीआईजी अनंत देव को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, गृह विभाग ने आईपीएस अनंत देव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं और कानपुर के तत्कालीन एसएसपी दिनेश पी से भी इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि, एसआईटी की रिपोर्ट में 80 अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाया गया था। इसमे जल्द ही कई और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।
आईपीएस अनंत देव के खिलाफ जांच की सिफारिश की गई थी
ज्ञात है कि, पिछले दिनों विशेष जांच दल ने अपनी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी थी। रिपोर्ट में एसआईटी ने डीआईजी अनंत देव के खिलाफ जांच की सिफारिश की थी। दरअसल एसआईटी ने शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के एक पत्र और कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर इस जांच की सिफारिश की है। थानेदारों की ट्रांसफर, पोस्टिंग से जुड़े मामलों में ये जांच की सिफारिश की गई।
वायरल ऑडियो में सीओ लगा थे अनंत देव पर गंभीर आरोप
कानपुर के बिकरू कांड के बाद शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का एक ऑडियो वायरल हुआ था। इस ऑडियो में बिकरू में रेड पर जाने से पहले सीओ देवेंद्र मिश्रा और एसपी ग्रामीण के बीच फोन पर बातचीत थी। इसमें देवेंद्र मिश्रा चौबेपुर एसओ और पूर्व एसएसपी अनंत देव पर गंभीर आरोप लगा रहे थे। सीओ ने एसपी ग्रामीण से कहा था कि पुराने एसएसपी अनंत देव ने एसओ विनय तिवारी पर हाथ रखा है। अनंत देव की वजह से ही विनय तिवारी बोलना सीख गया है। उन्होंने एसपी ग्रामीण को यह भी जानकारी दी थी कि विनय तिवारी डेढ़ लाख रुपए महीने लेकर जुआ खेलाता था। शिकायत पर भी विनय तिवारी पर कार्रवाई नहीं होती थी। यही नहीं एसओ ने जुआ खेलाने वाले से 5 लाख रुपये अनंत देव तिवारी को दिए थे। #सूत्र