एएमयू के शोधार्थी ने मोरक्को में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया
अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पश्चिम एशियाई और उत्तरी अफ्रीकी अध्ययन विभाग की शोध छात्रा सैयदा नदा कादरी ने 14-15 नवंबर को इस्लामिक शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (आईसीईएससीओ), रबात, मोरक्को के मुख्यालय में हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने पर आयोजित तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘मध्य पूर्व में चरमपंथ-विरोधी उपकरण के रूप में शिक्षाः एक बहुविषयक विश्लेषण’ विषय पर एक पेपर प्रस्तुत किया।
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मध्य पूर्व में हिंसक उग्रवाद के स्थायी मुद्दे पर बोलते हुए, कादरी ने संबंधित सत्ता पक्षों से कट्टरवाद विरोधी रणनीति के रूप में इस क्षेत्र के युवाओं को प्रभावित करने का आग्रह किया। उन्होंने युवा दृष्टिकोण को आकार देने में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षा के विकास, पाठ्यपुस्तकों से चरमपंथी सामग्री को खत्म करने और धार्मिक सहिष्णुता और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य हिंसक उग्रवाद से उत्पन्न उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञों, विद्वानों और कार्यकर्ताओं को जमा करना था । जिसमें इन खतरों का मुकाबला करने के लिये, शिक्षा, सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि और रणनीतिक बुद्धिमत्ता को शामिल करते हुए ज्ञान अर्जन की महत्वपूर्ण भूमिका पर विशेष बल दिया गया।